बिछड़ कर डार से बन बन फिरा वह हिरन को उसकी कस्तूरी सज़ा है! हिरन के यहां तो रद्दी वाले नही होते, बेचारा...मगर आप के इधर तो होते हैं, कहीं दे तो नही दी रद्दी। में!!! :)
शुक्र है कहीं तो बहार आई.... वर्ना अरसे से हमको तो खुदके लिए एक ही शेर पसंद है: " Khiza की रुत में,गुलाब लहजा बना के रखना कमाल ये है हवा की जद में दिए जलाना ,जला के रखना कमाल ये है"
13 टिप्पणियां:
यह कही सुना हुआ लगता है
🌊🌊🌊
देखना, शायद किसी पुरानी बयाज़ मे बंद हो
हां शायद कहीं बंद ही होगा।
Phir Mila kya?
बिछड़ कर डार से बन बन फिरा वह
हिरन को उसकी कस्तूरी सज़ा है!
हिरन के यहां तो रद्दी वाले नही होते, बेचारा...मगर आप के इधर तो होते हैं, कहीं दे तो नही दी रद्दी। में!!! :)
मिल ही जाता है अक्सर । और बड़ी देर तक जहन से जाता नहीं हैं।
जंगल सा फ़ैल जाता है, खोया हुआ सा कुछ.....
देखा हुआ सा कुछ है तो सोचा हुआ सा कुछ
हर वक़्त मेरे साथ है उलझा हुआ सा कुछ
तिरे हमारे
सवाल सारे जवाब सारे
बहार आई तो खुल गए हैं
नए सिरे से हिसाब सारे
शुक्र है कहीं तो बहार आई....
वर्ना अरसे से हमको तो खुदके लिए एक ही शेर पसंद है:
" Khiza की रुत में,गुलाब लहजा बना के रखना कमाल ये है
हवा की जद में दिए जलाना ,जला के रखना कमाल ये है"
R u mr Nazar Anwar?
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