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बुधवार, 8 मई 2013

माँ


लब -ओ -लहजा  हो कैसा भी 
आहट  बनावट कुछ भी हो 
दिल है तुम्हारा  एक सा 
सूरत सजावट कुछ भी हो 

तुम  चीन में हो या चाँद पर 
दिल तो तुम्हारा घर में है 
चिड़िया हो जैसे दूर पर 
अटका तो दिल शजर में है 

जब तक हो तुम  हर आस है 
दो जहाँ की खुशियाँ पास है 
तेरी दो आँखों में मै  हूँ
ये ही सबसे ख़ास है 

सदियों से बदले दौर ने 
हर एक को बदला यहां 
तू न बदली माँ मगर 
हर रोज़ बदला ये जहाँ 

तू है तो दिन है रात है 
तू है तो हर इक बात है 
तू है तो घर भी घर है माँ 
घर के मकीं भी साथ हैं 

अल्लाह करे साया तेरा 
यूँ  ही मेरे सर पर रहे 
तेरी दुआएँ  साथ हो 
जब जब भी हम भँवर  में रहे 
                                    -आमीन 
                                       लोरी 

11 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत ही प्यारी और सुंदर कविता ...... माँ का प्यार सबसे प्यारा

lori ने कहा…

thnx babu! mamma kaisee hai tumhari!!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (09-05-2013) ग्रीष्म ऋतु का प्रकोप शुरू ( चर्चा - 1239 ) में "मयंक का कोना" पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

yashoda Agrawal ने कहा…

आपने लिखा....
हमने पढ़ा....
और लोग भी पढ़ें;
इसलिए शनिवार 11/05/2013 को
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
पर लिंक की जाएगी.
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ....
लिंक में आपका स्वागत है .
धन्यवाद!

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

अल्लाह करे साया तेरा
यूँ ही मेरे सर पर रहे
तेरी दुआएँ साथ हो
जब जब भी हम भँवर में रहे


दिल को छूने वाली रचना.....

Unknown ने कहा…

again visited....

Onkar ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति

Unknown ने कहा…

http://hindi.webdunia.com/woman-mothers-day/%E0%A4%AE%E0%A5%88%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A4%B2-%E0%A4%A4%E0%A5%8B-%E0%A4%85%E0%A4%AE%E0%A5%8D%E0%A4%AE%E0%A4%BE-%E0%A4%AC%E0%A5%87%E0%A4%95%E0%A4%B2-1130511063_1.htm#.UY9uhohA8Dg.facebook

mujhe to ye bhi kamaal ki rachna lagti hai...

lori ने कहा…

पापा आई लव यू

lori ने कहा…

jiju ye font k lafde me atak gaya

lori ने कहा…

jiju!!!! wao!!!!! :)