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सोमवार, 8 फ़रवरी 2016

चॉकलेट डे .......



एक के बाद एक 
मेरी देह पर पड़ते
तुम्हारे गहरे नीले चुम्बन
जैसे ख़ुदा का  
यक-ब -यक 
किसी गर्म दिन को गले लगा लेना
और उन्हें महसूस कर 
झरते मेरे आंसू
जैसे गर्मियों के बाद की 
निहायत पहली बारिश 
-  लोरी 

1 टिप्पणी:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (10-02-2016) को ''चाँद झील में'' (चर्चा अंक-2248)) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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चर्चा मंच परिवार की ओर से स्व-निदा फाजली और अविनाश वाचस्पति को भावभीनी श्रद्धांजलि।

डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'