सालगिरह मुबारक
तुमने ख्वाब देखे
फूलों के नहीं
किताबों के
तुमने लफ्ज़ छुए
होंठों के नहीं
महराबों के
पथरीले रस्तों से
काँटों पे चलती
अनदेखी आग
जो तूर पे' जलतीं
तुम जा पहुँची उस तक
और कलामे-इलाही के बाद
हक़ का पैगाम लेकर लौटती
तुम हौंसलों का पयम्बर थीं
- लोरी
तूर - एक पहाड़ जहां मूसा नामक पैगम्बर को ईश -प्राप्ति हुई थी
2 टिप्पणियां:
मलाला को जन्म दिन की शुभ कामनायें, साहसी बनी रहो बिटिया।
वाह बहुत ही खुब्सुरत………अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकर इंशाल्लाह आगे भी आना होगा |
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