इस खूबसूरत और मानीखेज शेर पर प्रतिक्रियायें नहीं देख के हैरान सा हूं ! मुमकिन है आज के दौर में प्यार के सोते सूख चले हों तो फिर दर-ब-दर जाने से क्या हासिल !
सच कहूं अली जी! मुझे और सब का तो ठीक है, मगर आपकी टिप्पणी का बेसब्री से इंतज़ार था.... और आपका कमेन्ट, मेरे ब्लॉग पर!!!! इससे बड़ा आशीर्वाद और सौभाग्य मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता!!! शुक्रिया!!!
2 टिप्पणियां:
इस खूबसूरत और मानीखेज शेर पर प्रतिक्रियायें नहीं देख के हैरान सा हूं ! मुमकिन है आज के दौर में प्यार के सोते सूख चले हों तो फिर दर-ब-दर जाने से क्या हासिल !
सच कहूं अली जी!
मुझे और सब का तो ठीक है, मगर आपकी टिप्पणी का
बेसब्री से इंतज़ार था.... और आपका कमेन्ट, मेरे ब्लॉग पर!!!!
इससे बड़ा आशीर्वाद और सौभाग्य मेरे लिए कुछ नहीं हो सकता!!!
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