ऐ दुश्मने-जाँ! तू दुश्मन है पर जान से प्यारा लगता है
तुझे चाह के हम तो हैराँ हैं, तू कौन हमारा लगता है
बादल, मौसम, रंग, परिन्दे, खुशबू, तितली, फूल हवा
रात की रानी सूरत, मौसम का इशारा लगता है
तू पास रहे तो सब कुछ है, तू साथ नहीं तो कुछ भी नहीं
तन्हाई में डूबा डूबा शहर ये सारा लगता है
तू रौनक है मेरे जज़्बों की, तू धड़कन है मेरे नगमों की
तुम जब से मिले हो जाने- सुख़न हर गीत तुम्हारा लगता है
तुम चल न सकोगे साथ मेरे, इस बात से मै कब ग़ाफ़िल हूँ
पर साथ तुम्हारे ऐ हमदम! ये रास्ता प्यारा लगता है
-सहबा जाफ़री