जब
मधुश्रुत की पागल बयार छाएगी
सूनी रजनी दुल्हिन सी शर्माएगी
तब
सुबह सेज के सुमनों को छू लेना
इनमें तुमको मेरी सुगंध आएगी
(अज्ञात )