एक कसक
एक खलिश
कुछ मिला अनमिला
कुछ गुमा अध गुमा
कुछ अधूरे ख़्वाब
कुछ नामुकम्मल ख्वाहिशें
सबकी टूटन
और नए रास्तों पर चलने की हिम्मत
कितना कुछ बाँट बूंट कर
हल्का कर देती है
एक प्याली चाय
अम्मा पास न हो तो
दुलार भी देती है
जीने का हौंसला भी दे जाती है
और दे जाती है
गर्म भाँप में धुँआते से दिल को
इतवार की सुबह
देर तक सोने के
रंगीन सपने
- लोरी