नाश्ता, खाना, बच्चे, कपडे, होमवर्क, बजट, पति का गुस्सा, बीमा की पॉलिसी , इनका ब्लड प्रेशर , मेरी शुगर, माँ की बीमारी, सास के दर्द , देराणी - जेठानी की रीत रस्मे और इनके बीच सिसकते उसके अरमान, समाज, दुनिया,घर परिवार!!!एक सुबह हुई नही कि इतनी चिन्ताएं। और रेडिओ वाले गाना सुनवा रहे हैं:
कितने हंसी मौसम हो जाते
मैं और तुम गर हम हो जाते।