आवारगी
गुरुवार, 17 मार्च 2011
तस्वीरें बोलती हैं....
मोहब्बत
कब मरती है
जो मर जाते हैं
वह तो फ़क़त लोग होते हैं
जो इतिहास बन कर
वक़्त के माथे पर
नक्श हो जाए
उसी शय का नाम है मोहब्बत !!!
मध्य भारत का "मांडू"
बाज़ बहादुर, और रूपमती के प्रेम की कालजयी मिसाल
क्या यही है प्रेमियों का स्वर्ग.....!!!!
वो नक्श क्या हुआ जो मिटाए से मिट गया
वो दर्द क्या हुआ जो दबाये से दब गया ....
बुधवार, 9 मार्च 2011
आई ना हाथ आज तक खैरात प्यार की
मै कासा-ए-ख़ुलूस लिए दर-ब-दर गया
शुक्रवार, 4 मार्च 2011
होंठ
भूक की कडवाहट से सर्द कसैले होंठ
खून उगलते, सूखे, चटके -पीले होंठ
टूटी चूड़ी , ठंडी लड़की, बागी उम्र
सब्ज़ बदन, पथराई आँखे, नीले होंठ
सूना आँगन, तन्हाँ औरत, लम्बी उम्र
खाली आँखे, भीगा आँचल, गीले होंठ
कच्चे, कच्चे लफ़्ज़ों का ये नीला ज़हर
छू जाये तो मूरख तू भी छूले होंठ
ज़हर ही मांगे, अमृत रस को मूह ना लगाएं
बागी, जिद्दी, वहशी और हटीले होंठ
ऐसी बंजर बातें, ऐसे कड़वे बोल
ऐसे सुन्दर कोमल, सुर्ख रसीले होंट
इतना बोलोगी तो क्या सोंचेगे लोग ?
रीत यहाँ की ये है लड़की सीले होंट
- इशरत आफरीन .
मंगलवार, 1 मार्च 2011
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