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शनिवार, 17 जनवरी 2015

तुम याद हमें भी कर लेना



जब झूम के उट्ठे सावन तो, तुम याद हमें भी कर लेना
जब टूट के बरसे बादल तो, तुम याद हमें भी कर लेना 

जब रात की पलकों पर कोई ग़मगीन सितारा चमक उठे 
और दर्द की शिद्दत से दिल भी जब रेज़ां -रेज़ां  हो जाए
जब छलक उठे बेबात नयन ,तुम याद हमें भी कर लेना 

पूरे चाँद    की    रातों    को   जब   हवा  चले ठंडी ठंडी
और कोई दीवाना पंछी जब चाहत से चाँद को  तकता हो
उस लम्हे की ख़ामोशी  को तुम अल्फ़ाज़ों में बांधो जब
और लिखो जब कोई ग़ज़ल, तुम याद हमें भी कर लेना 

सारी ख़्वाहिश बर आए जब, और दिल ख़्वाहिश से खाली हो
सब के बाद जो तेरा   दिल  , बस   चाहत  का  सवाली  हो
बेगर्ज़ मोहब्बत की चाहत में, दिल तेरा जब तड़प उट्ठे
ये तड़प  जो हद से बढ़ जाए ,तुम याद हमें भी कर लेना 

दिल का भोला बच्चा जब, सबसे बग़ावत कर बैठे
तन्हाँ-तन्हाँ , रुठा -रूठा दीवाना बन जाए जब
जब दुनिया भर से शिकवा हो और आँख से आंसू बह निकले
उस मासूम से लम्हे में तुम याद हमें भी कर लेना
- सहबा जाफ़री 

22 टिप्‍पणियां:

Manish Kumar ने कहा…

Sahba Zafri ko pehli baar padha shayad Achchhi lagi ye nazm. Shukriya share karne ke liye.

Sangh sheel ने कहा…

bahut badhiya

5th pillar corruption killer ने कहा…

SUNDAR KAVITA LIKHI HAI AAPNE JI BHAVPURN BHI HAI !

दिगम्बर नासवा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर गीत ... भावो से परिपूर्ण ...

Sadhana Vaid ने कहा…

बहुत सुन्दर ! मन को छूती हुई भावनाएं और अल्फ़ाज़ ! साझा करने के लिये शुक्रिया !

कविता रावत ने कहा…

बहुत सुन्दर गीत...

Shikha Kaushik ने कहा…

lori ji -behad bhavpoorn rachna .badhai

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

भावपूर्ण सुन्दर रचना
तमन्ना इंसान की ......

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

lori ने कहा…

शुक्रिया …

lori ने कहा…

शुक्रिया …

lori ने कहा…

​धन्यवाद , आदर आभार

lori ने कहा…

​धन्यवाद , आदर आभार

lori ने कहा…

​धन्यवाद

lori ने कहा…

शुक्रिया …

lori ने कहा…

शुक्रिया …

lori ने कहा…

शुक्रिया …

lori ने कहा…

शुक्रिया …

अनूप शुक्ल ने कहा…

बहुत सुन्दर !

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

लाजवाब प्रस्तुति...

Armaan... ने कहा…

sehba rocks...