आवारगी
शनिवार, 11 फ़रवरी 2012
यूं
देखती
है जैसे नहीं देखती
नज़र
ज़ालिम के देखने का अंदाज़ देखिये....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें