आज पूरे हो गए हैं है चार साल हमारी प्यारी दोस्ती को :
१९ नवम्बर २०१० को रमन जी से नेट पर हुई पहली मुलाक़ात। और सुख दुःख की छुटपुट घटनाओ में एक दूसरे का दर्द बाँटते प्यारे -मीठे क्षण। मैं रमन जी की आत्मीयता एवं स्नेह के लिए ईश्वर की आभारी हूँ:
१९ नवम्बर २०१० को रमन जी से नेट पर हुई पहली मुलाक़ात। और सुख दुःख की छुटपुट घटनाओ में एक दूसरे का दर्द बाँटते प्यारे -मीठे क्षण। मैं रमन जी की आत्मीयता एवं स्नेह के लिए ईश्वर की आभारी हूँ:
(रमन भगत : ग़रीबों को वस्त्रदान करते हुए:
जीना इसी का नाम है…। )
शहज़ाद भाई, हौंसले के क़दमों पर खड़े मेरे दूसरे अज़ीज़ दोस्त. २० नवम्बर २०१० दिन के तीन बजे पहली बार नेट पर मिले, मेरी प्रेरणा का स्त्रोत बने व अब मेरे आत्मीय जनों में शामिल है। उनके जैसा प्यारा दोस्त पाकर मैं ईश्वर को धन्यवाद देती हूँ:
(शहज़ाद भाई: किसी की मुस्कुराहटों पे' हो निसार)
हमारी दोस्ती क़ायम दाईम रहे , आपके जीवन आदर्श इसी तरह युवाओं के लिए प्रेरणा बनते रहें और आप तमाम बुलंदियों को छुएँ।
-अमीन
दोस्त लोरी।
4 टिप्पणियां:
बनी रहे दोस्ती
शुभकामनाएं हमारी भी
shukriya Monika JI..:)
वाह। दोस्ती बनी रहे।
dosti zindabad...
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