आवारगी
शुक्रवार, 7 मार्च 2014
नारी तुम केवल श्रद्धा हो
नारी तुम केवल श्रद्धा हो विश्वास रजत पग पग तल में ,
पीयूष स्त्रोत सी बहा करो जीवन के सुन्दर समतल में ......
2 टिप्पणियां:
Alaknanda Singh
ने कहा…
sundar panktiyan
9 मार्च 2014 को 5:13 am बजे
कहकशां खान
ने कहा…
बहुत सुंदर।
5 अप्रैल 2015 को 10:57 am बजे
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
2 टिप्पणियां:
sundar panktiyan
बहुत सुंदर।
एक टिप्पणी भेजें