जब
मधुश्रुत की पागल बयार छाएगी
सूनी रजनी दुल्हिन सी शर्माएगी
तब
सुबह सेज के सुमनों को छू लेना
इनमें तुमको मेरी सुगंध आएगी
(अज्ञात )
शुक्रिया, साथ बना रहे …।
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