उन प्यारे दिनों के नाम, जब माँ रोज़ ही सोने के पहले यह सब सुना करती थी :
हुए बहुत दिन बुढ़िया एक
चलती थी लाठी को टेक
उसके पास बहुत था माल
जाना था उसको ससुराल
मगर राह में चीते शेर
लेते थे राही को घेर
बुढ़िया ने सोंची तदबीर
जिससे चमक उठी तक़दीर
मटका एक मंगाया मोल
लंबा लंबा गोल मटोल
उसमे बैठी बुढ़िया आप
वह ससुराल चली चुपचाप
बुढ़िया गाती जाती यूँ
चल रे मटके टम्मक टूँ
- बताइये कौन है इस बालगीत का रचनाकार
बड़ा प्यारा सा बाल गीत .... रचनाकार की जानकारी तो नहीं , पर जानना चाहूंगी
जवाब देंहटाएंऋचा जेन जिंदल इस कविता की रचयिता हैं।
हटाएंग्रेट सर
हटाएंयह तो बहुत ही प्रसिद्ध बाल कविता है।
जवाब देंहटाएंबचपन में बालमुस्कान में पढ़ी थी।
--
सुन्दर प्रस्तुति।
पुरानी यादें ताज़ा करवाने के लिए आपका शुक्रिया।
Class 2 me padha tha govt school me
हटाएंहा हा मज़ेदार !
जवाब देंहटाएंमजेदार।
जवाब देंहटाएंMajedar bachpan ko phir se jiya.
जवाब देंहटाएंMajedar bachpan ko phir se jiya.
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी कविता हे जो पुराने दिनों की याद दिलाती हे जब हम सरकारी स्कूल में गाव में पढ़ने जाते थे पढ़कर ऐसा लगता हे मानो अभी भी उसी स्कूल में उन्ही सर से पढाई कर रहे हे
जवाब देंहटाएंसही है आनंद जी। सही मानो में पाठ्यक्रम का पूरा आनंद उठाया था हमने
हटाएंAAP HI BATA DIJIYE NA KON HE ISKE RACHAITA . PLEACE
जवाब देंहटाएंTija jain
जवाब देंहटाएंBahut hi prabhavshali poem aaj tak yaad hai..
जवाब देंहटाएंKya baat....
जवाब देंहटाएंGajab ki kavita bachpan yaad aaya
जवाब देंहटाएंहम ने भी पढी हे बडा मजेदार कविता।
जवाब देंहटाएंबचपन में पड़ी थी
जवाब देंहटाएंYah Kavita kisne likhi h
जवाब देंहटाएंअभी आपको इसकी पूरी कहानी पता नहीं, बड़ी मजेदार है
जवाब देंहटाएंPurani yade taja ho gyi class 3 ka Hindi lesson 3
जवाब देंहटाएंClass 3 ki nhi Class 2 ka Hindi lesson 3 tha.. 😊
हटाएंबचपन की यादें , में ऋणि हु मेरे शासकीय विद्यालय के शिक्ष को का जिन्होंने मुझे प्राइवेट स्कूल की फीस भरने योग्य बनाया ,
जवाब देंहटाएंSchool time me meri book ka ek lesson tha bhut hi pyari kavita hai yah
जवाब देंहटाएंYe Kavita maine 1993 me 2nd Std me Apni Hindi ki Book me Padhi thi.. 😌😊
जवाब देंहटाएंमैंने बचपन में पढ़ी।
जवाब देंहटाएंकविता के रचियता कौन हैं कृपया बताएं।
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंbahut hi accha
जवाब देंहटाएंhttps://youtu.be/qT874_COKvA
जवाब देंहटाएंYe kavita padhkar dali hai youtube par
Aj bhi moukhik yad hai
जवाब देंहटाएंprakash raibahut hi sundar kavita hai maine bhi school me padha tha.
जवाब देंहटाएंमाखनलाल चतुर्वेदी
जवाब देंहटाएंआप सभी ने बालपन में इस तुकांत को सुन या पढ़ कर जरुर प्रभावित हुए हैं पर हमें इस्लामी साजिश लगती है।
जवाब देंहटाएंपूरा बाल गीत प्रस्तुत कीजिए यह आधा बालगीत है
जवाब देंहटाएंमैंने ये कविता मेरी दादी से सुनी थी मुझे वो याद आती है इन कविताओं में
जवाब देंहटाएंअतिसुन्दर
जवाब देंहटाएंYeh kavita me bachpan ki ek bohot sundar yaar hai ..
जवाब देंहटाएं